आदमी को शरीफ होना चाहिए।
गाय को दूध देना चाहिए।
न्यायाधीश को न्याय देना चाहिए।
राजा को प्रजा-वत्सल होना चाहिए।
प्रेमी को निष्ठावान होना चाहिए।
बच्चों को आज्ञाकारी होना चाहिए।
घर पर अटारी होना चाहिए।
अटारी पर चांद आना चाहिए।
चांद के पार जाना चाहिए।
चांद पर भी पड़ोसी सज्जन होना चाहिए।
वहां के लिए ट्रेन समय पर छूटनी चाहिए।
नलों में पानी आना चाहिए।
पानी में प्रदूषण नहीं होना चाहिए।
प्रकृति को बचाने के लिए दौड़ना चाहिए।
दौड़ में ज्यादा से ज्यादा लोग आएं इसके लिए कुछ सुंदरियां होनी चाहिए।
सुंदरियों को पतिव्रता होना चाहिए।
पति को सत्यवान होना चाहिए।
शर्म को शर्म होना चाहिए।
धर्म ही कर्म होना चाहिए।
योजनाओं का पहाड़ होना चाहिए और एक लंबी-चौड़ी तिहाड़ होना चाहिए।
गाय को दूध देना चाहिए।
न्यायाधीश को न्याय देना चाहिए।
राजा को प्रजा-वत्सल होना चाहिए।
प्रेमी को निष्ठावान होना चाहिए।
बच्चों को आज्ञाकारी होना चाहिए।
घर पर अटारी होना चाहिए।
अटारी पर चांद आना चाहिए।
चांद के पार जाना चाहिए।
चांद पर भी पड़ोसी सज्जन होना चाहिए।
वहां के लिए ट्रेन समय पर छूटनी चाहिए।
नलों में पानी आना चाहिए।
पानी में प्रदूषण नहीं होना चाहिए।
प्रकृति को बचाने के लिए दौड़ना चाहिए।
दौड़ में ज्यादा से ज्यादा लोग आएं इसके लिए कुछ सुंदरियां होनी चाहिए।
सुंदरियों को पतिव्रता होना चाहिए।
पति को सत्यवान होना चाहिए।
शर्म को शर्म होना चाहिए।
धर्म ही कर्म होना चाहिए।
योजनाओं का पहाड़ होना चाहिए और एक लंबी-चौड़ी तिहाड़ होना चाहिए।
Bhai Waaaah.........!!
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